1930 | आईसीएआर के अंतर्गत सांख्यिकीय अनुभाग का सृजन |
1940 | डॉ पी॰ वी॰ सुखात्मे की नियुक्ति से अनुभाग की गतिविधियों में वृद्धि |
1945 | कृषि सांख्यिकी के क्षेत्र में अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र के रूप में सांख्यिकीय अनुभाग से सांख्यिकीय शाखा के रूप में पुनर्गठन |
1949 | आईसीएआर के सांख्यिकीय स्कन्ध के रूप में पुनः नामकरण |
1952 | एफएओ विशेषज्ञ, डॉ फ्रैंक येट्स एवं डॉ डीजे फिन्ने द्वारा की गई संस्तुतियों पर सांख्यिकी-स्कन्ध की गतिविधियों में और अधिक विस्तार एवं विविधीकरण |
1955 | सांख्यिकी-स्कन्ध का वर्तमान परिसर में स्थानांतरण |
1956 | एआईसीआरपी के साथ सहयोग आरंभ |
1959 | कृषि सांख्यिकी अनुसंधान संस्थान (आईएआरएस) के रूप में पुनः नामित |
1964 | आईबीएम 1620 मॉडल-II इलेक्ट्रोनिक संगणक की स्थापना |
कृषि में एम.एससी॰ तथा पीएच॰ड़ी॰ के नए पाठ्यक्रम आरंभ करने के लिए आईएआरआई, नई दिल्ली के साथ समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर | |
1970 | आईसीएआर प्रणाली में निदेशक के नेतृत्व में पूर्ण विकसित संस्थान का दर्जा |
1977 | तीन मंज़िला संगणक केंद्र का उदघाटन |
तीसरी पीढ़ी के संगणक सिस्टम, बरोज बी-4700 की स्थापना | |
1978 | भारतीय कृषि सांख्यिकी अनुसंधान संस्थान (आईएएसआरआई) के रूप में पुनः नामकरण |
1983 | संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनड़ीपी) के तत्वावधान में कृषि सांख्यिकी एवं संगणक अनुप्रयोग में उच्च अध्ययन केंद्र के रूप में पहचान |
1985-86 | कृषि में संगणक अनुप्रयोग में एम॰एससी॰ डिग्री के नए पाठ्यक्रम की शुरुआत |
1989 | एसपीएआर 1.0 का व्यावसायीकरण |
1991 | बरोज बी 4700 सिस्टम के स्थान पर सुपर मिनी कॉसमॉस लैन सर्वर प्रतिस्थापित |
1992 | संस्थान के प्रशासनिक एवं प्रशिक्षण ब्लॉक का उदघाटन |
1993-94 | कृषि में संगणक अनुप्रयोग में दी जाने वाली एम॰एससी॰ डिग्री को संगणक अनुप्रयोग में एम॰एससी॰ डिग्री में परिवर्तित किया गया |
1995 | आईसीएआर के शिक्षा प्रभाग द्वारा कृषि सांख्यिकी एवं संगणक अनुप्रयोग में उच्च केंद्र की स्थापना |
1996 | नवीनतम सॉफ्टवेयर सुविधाओं सहित सुदूर-संवेदी एवं जीआईएस प्रयोगशाला की स्थापना |
बाह्य वित्त-पोषित परियोजनाओं का आरंभ | |
1997 | कृषि सांख्यिकी एवं संगणन में वरिष्ठ प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम का पुनः आरंभ |
आधुनिक प्रयोगशालाओं की स्थापना | |
यादृच्छिकीकृत लेआउट एसपीबीडी रिलीज 1.0 सहित अभिकल्पना के सृजन के लिए भारत का पहला सॉफ्टवेयर जारी | |
1998 | संस्थान के चार प्रभागों का प्रतिदर्श सर्वेक्षण, परीक्षण अभिकल्पना, जैवमिति एवं संगणक अनुप्रयोग के रूप में पुनः नामकरण |
सूचना प्रौद्योगिकी में अल्पकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर रिवाल्विंग फंड योजना प्रारम्भ | |
राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान तंत्र में गैर-सांख्यिकीविदों के लिए प्रशिक्षण प्रारम्भ | |
1999 | फाइबर ओप्टिक्स एवं यूटीपी केबलिंग सहित लैन एवं इंट्रानेट का सुदृढ़ीकरण |
बाहय वित्त-पोषित परियोजनाओं एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों में अक्षुण्ण विकास | |
2000 | दो प्रभागों का पूर्वानुमान तकनीक प्रभाग एवं अर्थमिति प्रभाग के रूप में पुनः नामकरण |
2001 | डाटा वेयरहाउसिंग गतिविधियों (एनएपीटी के अंतर्गत आईएनएआरआईएस परियोजना) की शुरुआत |
2002 | कृषि परीक्षण प्रयोगशाला पर राष्ट्रीय सूचना तंत्र |
एनएपीटी के लिए पीआईएमएसएनईटी (इंटरनेट पर परियोजना सूचना प्रबंधन तंत्र) का विकास | |
2003 | एपी सेस फंड द्वारा वित्त-पोषित दीर्घकालीन उर्वरक परीक्षणों पर राष्ट्रीय सूचना तंत्र की स्थापना |
परमिसनेट का विकास (आईसीएआर सिस्टम में कार्मिक प्रबंधन पर ऑनलाइन सूचना के लिए सॉफ्टवेयर) | |
विंडो प्लेटफार्म पर देश में निर्मित पहला सॉफ्टवेयर ‘बहुउपादानी परीक्षण हेतु सांख्यिकीय पैकेज (एसपीएफई) 1.0’ | |
2004 | कृषि शिक्षा पर राष्ट्रीय सूचना तंत्र (निसेजनेट) परियोजना की शुरुआत |
प्राइवेट सेक्टर के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत तथा ई॰आई॰ड्यूपोंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया | |
ई-पुस्तकालय सेवा का शुभारंभ | |
2005 | संवर्धित अभिकल्पनाओं हेतु सांख्यिकी पैकेज (एसपीएडी) तथा कृषि अनुसंधान हेतु सांख्यिकीय पैकेज (एसपीएआर) 2.0 जारी किया गया |
एनएआरएस में ई-सलाहकारी सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डिजाइन रिसोर्स सर्वर की शुरुआत | |
कलर फोटोकापियर सहित रीप्रोडक्टिव लैब का सुदृढ़ीकरण | |
डिजिटल टेलीफोन की स्थापना | |
2006 | कृषि अनुसंधान में सांख्यिकी एवं सूचना पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन |
2007 | कृषि जैव सूचना विज्ञान प्रयोगशाला (एबीएल) की स्थापना |
2008 | सर्वेक्षण आंकड़ा विश्लेषण हेतु सॉफ्टवेयर 1.0 (एसएसडीए) जारी किया गया |
2009 | संस्थान के स्वर्ण जयंती समारोह वर्ष का आयोजन |
एनएआरएस के लिए सांख्यिकीय संगणना का सुदृढ़ीकरण | |
गेहूं फसल प्रबंधन पर विशेषज्ञ तंत्र लॉन्च किया गया | |
अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण छात्रावास का उदघाटन | |
2010 | आईसीएआर में राष्ट्रीय कृषि जैव सूचना ग्रिड (एनएबीजी) की स्थापना की शुरुआत |
जैवमिति प्रभाग का नाम जैवमिति एवं सांख्यिकीय मॉडलिंग किया गया | |
पूर्वानुमान तकनीक प्रभाग एवं अर्थमिति प्रभाग का परस्पर विलय कर पूर्वानुमान एवं अर्थमिति तकनीक प्रभाग का गठन | |
कृषि जैव सूचना केंद्र (केबिन) के रूप में एक नए केंद्र का सृजन | |
2011 | मक्का एग्रिदक्ष एवं बीज मसाला पर विशेषज्ञ तंत्र की शुरुआत |
भारतीय एनएआरएस सांख्यिकीय कम्प्यूटिंग पोर्टल का शुभारंभ | |
जैव सूचना विज्ञान में एम॰एससी॰ डिग्री आरंभ की गई | |
2012 | सर्वेक्षण आंकड़ा विश्लेषण हेतु सॉफ्टवेयर 2.0 (एसएसडीए) जारी किया गया |
जैवमिति एवं सांख्यिकीय मॉडलिंग प्रभाग को सांख्यिकीय आनुवंशिकी प्रभाग के रूप में पुनः नामित किया गया | |
पूर्वानुमान एवं अर्थमिति तकनीक प्रभाग को पूर्वानुमान एवं कृषि प्रणाली मॉडलिंग के रूप में पुनः नामित किया गया | |
आईसीएआर में वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (एफएमएस) सहित प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) का विकास किया गया | |
आईसीएआर में छमाही प्रगति मॉनिटरिंग प्रणाली लागू की गई | |
सैम्पल सर्वे रिसोर्स सर्वर आरंभ किया गया | |
2013 | जैविक संगणना हेतु उच्च निष्पादन संगणना (एचपीसी) सिस्टम स्थापित किया गया |
संगणक अनुप्रयोग में पीएच॰डी॰ डिग्री आरंभ की गई | |
संस्थान ने आईएसओ 9001:2008 (गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली) प्रमाणन प्राप्त किया | |
2014 | कृषि में ओमिक्स ज्ञान के लिए उच्च संगणना हब (अशोका) का उदघाटन किया गया |
आईसीएआर-ईआरपी प्रणाली लागू की गई | |
जैव सूचना विज्ञान मे पीएच॰डी॰ डिग्री आरंभ की गई | |
आईएएसआरआई के परिसर में वाई-फ़ाई सेवा स्थापित की गई | |
आईसीएआर के लिए आईसीएआर डाटा केंद्र, एकीकृत संचार एवं वेब होस्टिंग सेवाएँ आरंभ की गईं | |
कृषि सांख्यिकी में सुधार लाने हेतु वैश्विक कार्यनीति के अंतर्गत एफएओ प्रायोजित अध्ययन आरंभ किया गया | |
2015 | KRISHI (http://krishi.icar.gov.in/) कृषि पोर्टल में उन्नयन के लिए ज्ञान आधारित संसाधन सूचना प्रणाली हब को आईसीएआर की केंद्रीयकृत डाटा रिपोजिटरी प्रणाली के रूप में आरंभ किया गया |
आईसीएआर-आईएएसआरआई को एमआईडीएच (बागवानी के एकीकृत विकास के लिए मिशन) के अंतर्गत एक राष्ट्रीय स्तरीय एजेंसी (एनएलए) घोषित किया गया | |
आईएएसआरआई में स्थापित आईसीएआर डाटा सेंटर ने आईटी सेवा प्रबंधन एवं सूचना सुरक्षा विधायन के लिए क्रमशः आईएसओ/आईईसी 20000 एवं आईएसओ/आईईसी 27001 के प्रमाण-पत्र प्राप्त किए | |
2016 | केविके पोर्टल (कृषि विज्ञान केंद्र ज्ञान नेटवर्क) और मोबाइल एप्लीकेशन (http://kvk.icar.gov.in/) विकसित कर आरंभ की गई |
एमएपीआई (http://sample.iasri.res.in/ssrs/android.html/) मोबाइल समर्थित निजी साक्षात्कार – एक एंडरोइड एप्लीकेशन विकसित की गई | |
विभिन्न देशों में अनेक वर्तमान स्थितियों के लिए मिश्रित एवं निरंतर फ़सलीकरण के तहत फसल क्षेत्र एवं उपज आकलन हेतु प्रतिचयन पद्धतियाँ विकसित की गईं जिनका एफएओ द्वारा तीन चयनित देशों, एशिया-प्रशांत, अफ्रीका और लेटिन अमेरिका/ केरिबियन प्रत्येक देशों के एक क्षेत्र में, अर्थात क्रमशः इंडनेशिया, रवांडा और जमैका में फील्ड परीक्षण किया गया | |
चार राज्यों में बागवानी फसलों के क्षेत्र और उत्पादन के लिए पद्धति विकसित की गई और उसका वैधीकरण किया गया। इस पद्धति को राष्ट्रीय स्तर पर क्रियान्वित किया जाएगा | |
आईसीएआर के वैज्ञानिक स्टाफ की संवर्ग पदस्थिति और स्थानांतरण के प्रबंधन के लिए कार्मिक प्रबंधन प्रणाली विकसित और क्रियान्वित की गई |